बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री का जादू कुछ ऐसा चला कि मुजफ्फरपुर के रुखसाना अब रुकमणी बन गई। प्यार में अंधे बहुत कुछ कर गुजर जाने वाले लोगों के बारे में आपने जरूर सुना होगा। लेकिन बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री का प्रवचन सुनकर रुखसाना से रुकमणी बनी एक युवती की कहानी बड़ी दिलचस्प है।
मुजफ्फरपुर के की जांच निवासी नौशीन प्रवीण उर्फ रुखसाना और वैशाली के रोशन कुमार जयपुर के एसआरपीएस कॉलेज में 2018 में पढ़ाई करने गए। इसी दौरान उन्हें एक युवती से दोस्ती है फिर यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। 4 सालों तक यह दोस्ती बनी रही।
4 सालों बाद जब रोशन और रुखसाना ने शादी का फैसला लिया तो बड़ी मशक्कत के बाद लड़के के परिवार वाले तो मान गए लेकिन लड़की के परिजनों को इस शादी से बेहद आपत्ति थी। लेकिन रुकसाना अपने फैसले पर अडिग थी उसने रोशन से कहा कि जब वह सनातन धर्म अपना लेगी तब ही वह ये विवाह करेगी।
जिसके बाद रुखसाना ने पहले सनातन धर्म अपनाया अपना नाम बदलकर रुखसाना से रुकमणी बन गई। फिर रविवार को वैशाली के लालगंज के रेपुरा में अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर में दोनों की शादी हुई।
रुकमणी बनी रुखसाना से जब इसका कारण पूछा गया तो उसने बताया कि मुझे बाबा बागेश्वर से इस धर्म को स्वीकार करने की प्रेरणा मिली है। उनका कार्यक्रम सुनकर मैंने यह फैसला लिया कि मुझे सनातन धर्म अपनाना है। इसी में रोशन ने कहा कि रुखसाना और हम दोनों इस शादी से काफी खुश हैं रुखसाना ने अपनी मर्जी से सनातन धर्म अपनाकर मुझसे शादी की है।
सनातन धर्म अपनाने से पहले रुखसाना का शुद्धिकरण किया गया गंडक नदी में डुबकी लगाने के बाद पूरे विधि विधान से पूजा की गई इसके बाद उसे नया नाम दिया गया रुकमणी बनने के बाद रोशन ने उसके साथ शादी की।