किसी के घर बेटा होने पर धूमधाम से छठी मनाते तो अपने अक्सर देखा होगा लेकिन क्या कभी गाय को बछड़ा होने पर धूमधाम के साथ छठी मनाते हुए देखा है और वह भी तब जब गौ माता ने एक साथ दो बछड़े को जन्म दिया हो।जी हाँ बिहार के बेतिया में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला है।क्या है गौ माता के जुड़वा बछड़े होने पर भजन कीर्तन और भोज की कहानी देखते है इस रिपोर्ट में।
कहते है कि हिन्दू धर्म मे 36 खरीद देवी देवताओ की पूजा होती है लेकिन इन सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद अगर एक ही जगह लेना हो तो इसके लिए धार्मिक विधान है गौ पूजा की।जिसके तहत इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित महेशरा गांव के राम जानकी मन्दिरमे दो बछड़े को एक साथ जन्म देने पर पहले तो गौ माता की शास्त्रीय विधि से पूजा अर्चना की गई और उसके बाद बछड़ो का जन्मोत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इतना ही नही पोषण देने वाले बेजुबानों के सम्मान में सामाजिक भोज कर लोगो ने एक मिशाल पेस कर दिया.ढोलक झाल के साथ रात भर कीर्तन का आयोजन किया गया बछड़ो को नए नए वस्त्र पहनाया गया और फिर भोज का आयोजन किया गया और गांव के सैकड़ो लोगो को छठी का भोज कराया गया। मान्यता है कि हिन्दू धर्म मे 36 करोड़ देवी देवताओ की पूजा होती है.जिसकातात्पर्य यह है कि प्रकृति ने जो कुछ भी गिफ्ट दिया है उसका आभार व्यक्त करना. इनमें सबसे महत्वपूर्ण होती है गाय क्योंकि शास्त्र कहता गाय में सभी 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है.जिसके कई वैज्ञानिक प्रमाण भी मिले है.गौ पूजा से प्राकृत,देवी देवता और पित्र को भी प्रशन्नता होती है.लिहाजा बात धार्मिक दृष्टिकोण की हो,वैज्ञानिक महत्व का हो या इंसानियत की इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही और एक साथ दो नंदी के जन्म लोग चमत्कार के रूप में भी देख रहे है।