रिहाई के बाद भी जेल जा सकते हैं आनंद मोहन, 8 मई को होगा बड़ा फैसला 

बिहार सरकार के पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन के रिहाई के फैसले पर जहां जाति वाद की राजनीति में नया ट्विस्ट आया है। वही अब रिहाई के फैसले से नाखुश जी कृष्णैया की पत्नी ने रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत 8 मई को अपना फैसला सुनाइएगी। जी कृष्णैया मामले में सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को पिछले सप्ताह में सहरसा जेल से रिहा किया गया था। जिसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेल नियमावली में बदलाव किया था। क्योंकि अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है तो अगर अदालत उनके रिहाई पर रोक लगाती है तो आनंद मोहन को वापस जेल भी जाना पड़ सकता है।

गोपालगंज की ऐसी घटना जिसे आज तक कोई भूल नहीं पाया इस घटना मैं गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या हो गई थी। जिसमें दोषी पाए गए पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन को पहले तो फांसी की सजा सुनाई गई। बाद में इसे उम्र कैद में बदल दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले महीने ही जेल नियमावली में बदलाव कर सरकारी सेवकों की हत्या वाले विशेष नियम को हटाकर आनंद मोहन समेत 27 बंदियों के रिहाई का आदेश जारी कर दिया।

अब जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने नीतीश सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि जिसे फांसी की सजा सुनाई गई बाद में उसे उम्र कैद में बदल दिया गया। तो जेल के नियमानुसार सरकार भी इसका सख्ती से पालन करें। उसकी सजा उम्र कैद है तो उसे ताउम्र जेल में रखा जाना चाहिए। पी समय से पहले उसकी रिहाई करना मेरे मृत पति के साथ नाइंसाफी होगी। अब अदालत 8 मई को इस याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी।

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